हेलो स्टूडेंट्स इस पोस्ट में हमलोग ट्वेल्थ क्लास के हिंदी का चैप्टर नंबर वन बातचीत जो कि एक ललित निबंध है और यह बालकृष्ण भट्ट के द्वारा लिखा गया है इस चैप्टर से रिलेटेड आपके बोर्ड परीक्षा 2011 से लेकर 2022 तक में जितने भी प्रश्न पूछे गए हैं सभी प्रश्नों का सलूशन हम लोग इस आर्टिकल में देखने वाले हैं , तो batchit chapter ka objective question सबसे पहले देखने वाले हैं उसके बाद batchit ka question answer subjective कवर करने वाले हैं
CHAPTER-1
बातचीत : बालकृष्ण भट्ट
Board Question from 2011 to 2022 , Objective and Subjective Question
1. बालकृष्ण भट्ट किस युग के रचनाकार हैं?[2021A]
(A) भारतेन्दु युग
(B) प्रेमचंद युग
(C) द्विवेदी युग
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans- (A) भारतेन्दु युग
2. बालकृष्ण भट्ट के पिता का क्या नाम था ?[2020A]
(A) देनी प्रसाद भट्ट
(B) बेनी प्रसाद भट्ट
(C) टेनी प्रसाद भट्ट
(D) सैनी प्रसाद भट्ट
Ans- (B) बेनी प्रसाद भट्ट
3. 'दमयंती स्वयंवर' किस लेखक की रचना है ?[2020A]
(A) चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
(B) मलयज
(C) बालकृष्ण भट्ट
(D) भगत सिंह
Ans- बालकृष्ण भट्ट
4.'बातचीत' शीर्षक निबन्ध के निबंधकार हैं-[2019A]
(A) नामवर सिंह
(B) बालकृष्ण भट्ट
(C) जे० कृष्णमूर्ति
(D) उदय प्रकाश
Ans- (B) बालकृष्ण भट्ट
5. बालकृष्ण भट्ट किस काल के रचनाकार हैं?[2018A]
(A) आदिकाल
(B) भक्तिकाल
(C) रीतिकाल
(D) आधुनिककाल
Ans- (D) आधुनिककाल
6.'बातचीत' साहित्य की कौन-सी विधा है? [2013A]
(A) उपन्यास
(B) कहानी
(C) निबंध
(D) नाटक
Ans- (C) निबंध
7. 'बातचीत' शीर्षक निबंध के अनुसार-रस का समुद्र किनकी बातचीत में उमड़ा चला आता है?[2022A]
(A) दो हमजोली सहेलियों की बातचीत में
(B) दो पुरुषों की बातचीत में
(C) दो बच्चों की बातचीत में
(D) दो मूखों की बातचीत में
Ans- (A) दो हमजोली सहेलियों की बातचीत में
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. दो हमजोली सहेलियों की बातचीत में क्या स्थिति होती है?[2019A]उत्तर - दो हमजोली सहेलियों की बातचीत का कुछ जायका ही निराला है। रस का समुद्र मानों उमड़ा चला आ रहा है। इसका पूरा स्वाद उन्हीं से पूछना चाहिए जिन्हें ऐसों की रस सनी बात सुनने को भी भाग्य लड़ा है।
2. अगर हममें वाक्शक्ति न होती, तो क्या होता? [2011A, 2019A]
उत्तर - अनेक प्रकार की शक्तियों जो वरदान के रूप में ईश्वर ने मनुष्य को दी हैं, उनमें वाक्शक्ति भी एक है।यदि हममें वाक्शक्ति न होती, तो हम गूँगे हो जाते। सारी सृष्टि पशुओं की तरह मौन हो जाती। तब इस गूँगी सृष्टि का क्या होता? अवाक् होने के कारण हम अपने सुख-दुख किसी से कह नहीं पाते। हममें प्रशंसा, आलोचना, सुनने- कहने की शक्ति का अभाव हो जाता।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. अगर हममें वाक्शक्ति न होती, तो क्या होता? 'बातचीत' शीर्षक निबंध के आधार पर उत्तर दें।[2022A]उत्तर- यदि मनुष्यों में वाक्शक्ति न होती तो यह सृष्टि गूंगी-बहरी रह जाता। सब लोग लुंज-पुंज से हो मानो कोने में बैठा दिए गए होते और जो कुछ सुख-दुख का अनुभव हम अपनी दूसरी-तीसरी इन्द्रियों द्वारा करते, उसे अवाक् होने के कारण आपस में एक-दूसरे से कुछ कह सुन न सकते।
सप्रसंग व्याख्यात्मक प्रश्न
1. सच है, जब तक मनुष्य बोलता नहीं, तब तक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता। [2011A]उत्तर- प्रस्तुत पक्तियाँ बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित निबंध 'बातचीत से ली गई है। लेखक कहता है कि अपना आभ्यांतरिक भाव दूसरे पर प्रकट करना और उसका आशय आप ग्रहण कर लेना शब्दों के द्वारा हो सकता है। यह सत्य है कि जबतक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता है। बोलने से ही रूप अनावृत्त होता है. नहीं तो ढँका ही रह जाता है।
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