इस पोस्ट में हम लोग ऊष्मा गतिकी चैप्टर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्नों को देखने वाले हैं
ऊष्मा गतिकी चैप्टर का सभी महत्वपूर्ण अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर, आसान शब्दों में || Class 11th Physics Thermodynamics Chapter Question Answer
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अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अवस्था समीकरण क्या हैं ?
उत्तर किसी निकाय के लिए दाब (P) आयतन (V) तथा तापक्रम (T) में सम्बन्ध को अवस्था समीकरण कहते हैं ।
प्रश्न 2. आदर्श गैस का अवस्था समीकरण लिखें ।
उत्तर आदर्श गैस का अवस्था समीकरण निम्नलिखित हैं-PV= nRT जहाँ n मोलों की संख्या तथा R गैस का सार्वत्रिक नियतांक है।
प्रश्न 3. ऊष्मागतिक चर क्या है ?
उत्तर- दाब (P), आयतन (V) तापक्रम (T), आन्तरिक ऊर्जा (U) आदि चरों को ऊष्मागतिक चर कहते हैं । यह ऊष्मागतिक निकाय के व्यवहार का निर्धारण करते हैं।
प्रश्न 4. दो समतापी वक्र एक-दूसरे को क्यों नहीं काटते हैं ? उत्तर - क्योंकि ये परस्पर समान्तर होते हैं।
प्रश्न 5. किस वक्र का ढाल सर्वाधिक होता है, समतापी या रूद्धोष्म ?
उत्तर रुद्धोष्म वक्र का ।
प्रश्न 6. किसी रूद्धोष्म प्रक्रम के लिए ∆W + ∆V का मान कितना होता है ?
उत्तर शून्य ।
प्रश्न 7. यदि हम एक बंद कमरे में विद्युत पंखा चलाएँगे तो क्या कमरे की हवा ठंडी हो जायेगी ?
उत्तर नहीं कमरा गर्म हो जायेगा ।
प्रश्न 8. क्या किसी गैस के आयतन और दाब दोनों को नियत रखकर उसका तापक्रम बढ़ाया जा सकता है ?
उत्तर नहीं ।
प्रश्न 9. समतापी परिवर्तन में निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में कितना परिवर्तन होता है ?
उत्तर शून्य ।
प्रश्न 10. जल के त्रिक-बिन्दु के संगत तापक्रम और दाब बताएँ ।
उत्तर - तापक्रम 273.15K तथा दाब - 0.46 सेमी० पारे का स्तम्भ ।
प्रश्न 11. P-V आरेख और आयतन अक्ष के बीच घिरा क्षेत्रफल किस भौति राशि को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर - किए गए कार्य को प्रदर्शित करता है ।
प्रश्न 12. दाब को बढ़ाने पर जल के हिमांक और क्वथनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर दाब के बढ़ाने पर जल का हिमांक कम हो जाता है और क्वथनांक बढ़ जाता है ।
प्रश्न 13. वह कौन सा तापक्रम है जिससे जलवाष्प को समतापी विधि से संपीडित करके द्रवित नहीं किया जा सकता ?
उत्तर- 374.1°C जिसे जल का क्रान्तिक तापक्रम कहते हैं ।
प्रश्न 14. प्रावस्था ग्राफ क्या है ?
उत्तर- किसी पदार्थ की तीनों प्रावस्थाओं की व्याख्या करने के लिए दाब और तापक्रम के बीच खींचे गये ग्राफ को प्रावस्था ग्राफ कहते हैं।
प्रश्न 15. हिमांक रेखा क्या है?
उत्तर - किसी ठोस पदार्थ के गलनांक और दाब में सम्बंध दर्शाने वाले वक्र को हिमांक रेखा कहते हैं । यह दाब के साथ ठोस के गलनांक में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करती है ।
प्रश्न 16. वाष्प द्रव वक्र क्या होता है ?
उत्तर- किसी पदार्थ के क्वथनांक और दाब में प्रदर्शित करने वाले वक्र को वाष्प द्रव वक्र कहते हैं। इसके ऊपर पदार्थ द्रव प्रावस्था तथा नीचे बाष्प प्रावस्था में होता है। इसकी ढाल धनात्मक होती है।
प्रश्न 17. वाष्प - हिम वक्र क्या है ?
उत्तर - जिस तापक्रम पर कोई पदार्थ सीधे वाष्पावस्था में परिवर्तित होता है और दाब में सम्बंध प्रदर्शित करने वाले वक्र को वाष्प- हिम वक्र कहते हैं ।
प्रश्न 18. अतितप्त जल क्या है ?
उत्तर - जब जल दिए गए दाब पर अपने क्वथनांक से अधिक तापक्रम पर द्रव प्रावस्था में होता है, तो उसे अतितप्त जल कहते हैं ।
प्रश्न 19. अतिशीतलित वाष्ट क्या है ?
उत्तर - जब जल दिए गए दाब पर अपने क्वथनांक से कम तापक्रम पर वाष्प प्रावस्था में होता है तो उसे अतिशीतलित वाष्प कहते हैं ।
प्रश्न 20. कार्नो इंजन की दक्षता किस पर निर्भर करती है ? उत्तर - ऊष्मा स्रोत और सिंक के तापक्रम पर ।
प्रश्न 21. प्रशीतित्र क्या है ?
उत्तर- वह युक्ति जो ऊष्मा को निम्न तापक्रम की वस्तु से उच्च तापक्रम की स्थानांतरित करती है, प्रशीतित्र कहलाती है । वस्तु में
प्रश्न 22. कार्नो इंजन की दक्षता कब 100 प्रतिशत होती है ? क्या यह संभव है ?
उत्तर - यदि π2 = 0 हो तो कार्नो इंजन की दक्षता eta = 1 - T_{2}/T_{I} = 1 =100\% जहाँ T_{2} सिंक का तापक्रम तथा T1 स्रोत का तापक्रम है । सिंक का तापक्रम 0 K / कार्नो इंजन की दक्षता कभी भी 100 प्रतिशत नहीं हो सकती है।
Important Topic
मुख्य रूप से ऊष्मा गतिकी उन नियमों का अध्ययन है जिनसे ऊष्मा किसी द्रव्य के भीतर या दो द्रव्यों के बीच कैसे बदलती है। यह विज्ञान विभिन्न प्रकार की ऊष्मा एवं उनकी गति के बारे में अध्ययन करता है।
कुछ मुख्य टॉपिक जिन्हें ऊष्मा गतिकी के अध्ययन के दौरान कवर किया जाता हैं वे निम्नलिखित हैं:
तापमान: यह ऊष्मा एवं उसकी गति के बारे में सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक है। तापमान उस ऊष्मा की मात्रा होता है जिसे हम संवेदनशील थर्मामीटर से माप सकते हैं।
कलोरीमीटर: यह एक उपकरण होता है जो ऊष्मा की मात्रा मापता है। इससे हम किसी भी पदार्थ की ऊष्मा तथा उसकी गति को माप सकते हैं।
ऊष्मा अवरोह: इस अध्ययन में हम जानते हैं कि ऊष्मा कैसे उच्च स्तर से निम्न स्तर तक कम होती है। इसमें हम ऊष्मा के विभिन्न विधियों के बारे में भी सीखते हैं।
FAQs about ऊष्मा गतिकी
1. ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम --
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम है - ऊष्मा उर्जा की संरक्षण का नियम, जिसमें कहा गया है कि ऊष्मा एक संचयी रूप है और न कभी नष्ट होती है और न ही निर्मित होती है। इस नियम के अनुसार, ऊष्मा को एक स्थिर समतल में नहीं बदला जा सकता है, लेकिन यह एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित हो सकती है। इसलिए, ऊष्मागतिकी में, ऊष्मा को केवल एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन यह न कभी नष्ट होती है और न ही निर्मित होता है
अथवा, ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम है - ऊष्मा संरक्षण का नियम। यह नियम कहता है कि संभवतः सभी प्रक्रियाएं अपनी ऊष्मा को संरक्षित रखती हैं या उसे एक रूप से दूसरे रूप में बदलती हैं, लेकिन कोई प्रक्रिया ऊष्मा को नष्ट नहीं कर सकती। अन्य शब्दों में, ऊष्मा एक ऊर्जा रूप है जो न तो बनाई जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, बल्कि सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में बदलती है।
2. ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम--
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम कहता है कि, एक बंद उपकरण का ऊष्मा दो या दो से अधिक उपकरणों के बीच समान होती है, तब वे तीसरे उपकरण के साथ भी समान होंगे। अर्थात्, ऊष्मागतिकी द्वारा समान तापमान पर बने तीन उपकरणों के बीच, उनकी ऊष्माएं समान होंगी।
यह नियम आधुनिक ऊष्मागतिकी के बहुत ही महत्वपूर्ण नियमों में से एक है और इसे समझने के लिए अनेक उपयोगी उदाहरण होते हैं, जैसे कि तीन बिल्लों के बीच एक समान ऊष्मा वाला उपकरण होने की स्थिति।
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