जय हिंद
इस पोस्ट में हम आपको 20 फरवरी हिंदी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण Subjective Question बताने वाले हैं जिसका आपके पेपर में आने की संभावना अधिक है इसलिए सभी प्रश्नों को जरूर देखें और सभी प्रश्नों का उत्तर एकदम सरल शब्दों में दिया गया है जिसे अगर आप एक बार भी पढ़ लेते हैं तो निश्चित रूप से वह आपको याद ही हो जाएगा तो चलिए एक एक करके सभी प्रश्नों से आपको अवगत करा देते हैं
![]() |
1. कवि किसके बिना जगत में यह जन्म व्यर्थ मानता है?
उतर:- कवि राम नाम के बिना जगत में यह जन्म व्यर्थ मानता है क्योंकि राम नाम लिये बिना व्यतीत जीवन केवल विश्व का भोग करता है
2. नाम कीर्तन के आगे कवि किन धर्मों की व्यर्थता सिद्ध करता है ?
उत्तर- नाम कीर्तन के आगे कवि मनुष्यों के द्वारा बाह्य आडंबर की चोला को ग्रहण करके इस संसार से मुक्ति पाना चाहते हैं जैसे डंडा ,कमंडल, जनेऊ, सूती वस्त्र धारण करके तीर्थ यात्रा पर जाना आदि धर्म की वैधता सिद्ध करती है
3. हरि रस से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- हरि रस का अभिप्राय है कि मानव ईश्वर के उपदेश को ग्रहण करके ही आनंद की प्राप्ति कर सकता है अर्थात हरि रस का मतलब है भगवान के द्वारा दिया गया उपदेश
4. कवि ने माली - मालिन किन्हें और क्यों कहा है?
उत्तर- कवि ने माली - मालिन कृष्ण और राधा को कहा है क्योंकि इस प्रेम वाटिका के प्रेम रूपी और सौंदर्य से परिपूर्ण खजाना राधा को माना गया है तो इस प्रेम को रंग प्रदान करने वाले नंदलाल श्री कृष्ण हैं
5 कृष्ण को चोर क्यों कहा गया है? कवि का अभिप्राय स्पष्ट करें
उत्तर- श्री कृष्ण को चोर इसलिए कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जब श्रीकृष्ण के आकर्षक रूप को देखता है तो उस व्यक्ति के मन को ऐसे वश में कर लेता है मोहित कर लेता है कि वह उससे दूर रहना चाहता है फिर भी वह अलग नहीं रह पाते हैं कवि का अभिप्राय हृदय को चुराने वाला से है |
6. कवि प्रेम मार्ग को अति सुधो क्यों कहता है ?इस मार्ग की विशेषता क्या है?
उत्तर- कभी प्रेम मार्ग को अति सुधो इसीलिए कहते हैं कि यह मार्ग अत्यंत ही सरल मार्ग होता है इस मार्ग की विशेषता यह है कि इस मार्ग पर सिर्फ सच्चे हृदय वाले व्यक्ति ही चल पाते हैं सत्य पर चलने वाले ही इस मार्ग को प्राप्त कर सकते हैं और इस मार्ग पर अभिमान युक्त व्यक्ति धोखेबाज, शंकायुक्त व्यक्ति इस मार्ग पर चलने से डरते हैं क्योंकि इस मार्ग पर थोड़ा सा भी टेढ़ापन और चतुराई नहीं होता है
7.कवि ने “डफाली’ किसे कहा है और क्यों ?
उत्तर :- कवि बद्रीनारायण चौधरी प्रेमघन वैसे व्यक्तियों को डपाली कहा है जो दास वृद्धि की चाह रखता है, क्योंकि यह व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का झूठा प्रशंसा करता है उसकी चापलूसी करता है और वे विदेश की पाश्चात्य संस्कृतिक की, विदेशी वस्तुओं की, अंग्रेजी की झूठी प्रशंसा में लगे हुए हैं।
8. भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है ?
उत्तर- भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी इसीलिए बनी हुई है क्योंकि वह गरीबी से चेतनाहिन, बिना पलकों से झुका हुआ दृष्टि, युगों युगों के पुराने दुख, कष्ट, पीड़ा को झेलते झेलते उसका मन विषादमय हो गया है कि वह अपने कंठ से कुछ बोल भी नहीं पा रही है ध्वनिहीन हो गया है जिस कारण से उसे अपने घरों में प्रवासिनी की तरह लग रहा है
9. कवि की दृष्टि में आज के देवता कौन हैं? और वह कहां मिलेंगे?
उत्तर- कवि की दृष्टि में आज के देवता कठोर परिश्रम करने वाले मजदूर और कृषक हैं वे पत्थर तोड़ते हुए या खेत खलियान में काम करते हुए मिलेंगे भारत की आत्मा गांवों में बसती है किसान ही भारत के मेरुदंड है जेठ की दुपहरी हो या ठंडा के सर्दी या फिर मूसलाधार वर्षा सभी में हुए बिना थके हुए खेत खलियान में डटे हुए मिलते हैं
10 . मनुष्य की छायाएं कहां और क्यों पड़ी हुई है?
उत्तर- मनुष्य की छायाएं हिरोशिमा के झुलसे हुए पत्थरों और उबर खाबर सड़कों पर है यह छायाएं मनुष्य के द्वारा रचे गए अनुबम के कारण हुआ है जो तबाही में मानव के ही जीवन लीला को समाप्त कर दिया
11. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है?
उत्तर- हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में अमेरिका द्वारा गिराया गया अनुबम के प्रभाव हैं जो मनुष्य के द्वारा ही रचे गए थे जो कि मनुष्य को ही चंद सेकेंड में भाप बनाकर उड़ा दिए मनुष्य का जली हुई छायाएं पत्थरों पर लिखी हुई है तथा वर्षों बीत जाने के बाद भी वहां के वासी उस त्रासदी का दंश झेलते हैं यही उसका सबूत बनकर रह गया है
12. कवि को वृक्ष बूढा चौकीदार क्यों लगता था?
उत्तर- कभी को वृक्ष बूढ़ा चौकीदार इसीलिए लगता है क्योंकि वह बूढ़ा चौकीदार की तरह कवि के घर के सामने दरवाजे पर हमेशा चौकन्ना रहकर घर, गांव, वातावरण का रखवाली करता था अपने पुराने चमड़े हो जाने पर भी उसमें सख्त जॉन था अपने झुर्रियोंदार खुरदरा तना और पत्तियों से वह हरेक पथिक को छांव देकर उसकी सहायता करता था
13. मक्खी के जीवन कर्म का कवि द्वारा उल्लेख किए जाने का तात्पर्य है
उत्तर- यहां कवि ने मक्खी को प्रतीकात्मक रूप दिया है कि जिस तरह गंदगी में मक्खी पनपता है उसी में कई शिशु को जन्म देता है उसमें से कई तो मर जाते हैं अर्थात उसी गंदगी वाले वस्तु में उसका जीवन कर्म पूरा होता है उसी प्रकार से गरीब बस्तियों में जितने भी लोग पैदा होते हैं उसमें से कई दंगे के कारण ,आगजनी तथा कई बमबारी द्वारा मारे गए हैं इसका प्रसारण लाउडस्पीकर पर होता है
14. कवि किस तरह के बंगाल में 1 दिन लौट कर आने की बात करता है?
उत्तर- कवि जीवनानंद दास बंगाल के वैसे मैदान जहां धान की पौधे लहलहा रही है और वहां की बहती हुई नदियों के आकर्षक किनारे पर एक दिन आने की बात करता है
15. कवि अपने को जल पात्र और मदिरा क्यों कहता है?
उत्तर- कभी अपने को जल पात्र और मदिरा इसीलिए कहता है क्योंकि भगवान को जल पात्र और मदिरा के द्वारा उसका पूजा किया जाता है अगर भक्त ही नहीं रहेगा तो यह सब कौन करेगा प्रभु पता इसी कारण से कभी अपने को जल पात्र और मदिरा कहता है
तो बस इस पोस्ट में इतना ही आप लोग निश्चित रूप से इन सभी प्रश्नों को तैयार करके जाइएगा क्योंकि इससे बहुत सारे प्रश्न आपके पेपर में ज्यों का त्यों रहने वाला है तो तब तक के लिए धन्यवाद
0 टिप्पणियाँ