चिपको आंदोलन के बारे में संपूर्ण जानकारी आसान भाषा में समझें | चिपको आंदोलन क्या है?

इस पोस्ट में हम आपको चिपको आंदोलन को आसान भाषा में समझानें का प्रयास किए हैं, और अंत में इससे जुड़े महत्वपूर्ण क्वेश्चन को भी देखने वाले हैं,


चिपको आंदोलन

चिपको आंदोलन भारत के उत्तराखंड राज्य के गौरमुखी उपताली नामक स्थान पर शुरू हुआ एक आन्दोलन था, जो 1970 के दशक में आवर्ती तौर पर चला। यह वन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है।


चिपको आंदोलन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के वनों को बचाना था। इस आंदोलन के द्वारा जंगलों के कटते हुए पेड़ों को लगातार अभियान के तहत लगाने का प्रयास किया गया था। चिपको आंदोलन में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं जो पेड़ों की रक्षा के लिए संघर्ष करती थीं।


इस आंदोलन का नाम "चिपको" इसलिए रखा गया था क्योंकि इसमें आंदोलन के सदस्यों ने जंगलों के पेड़ों को अपने आंचल से जकड़ा हुआ था, जैसे कि मां अपने बच्चे को अपने आंचल से जकड़ती हैं।  इसमें लोग वृक्षों को गले लगा रहे थे।


इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य वनों की संरक्षण और वन नष्ट को रोकना था। इस आंदोलन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में वन बचाओ समितियां बनाई गईं, जिनमें स्थानीय लोग शामिल थे और वे अपने गांवों के आसपास के वन की संरक्षा के लिए जिम्मेदार थे।


चिपको आंदोलन का अधिकतर समर्थक आधुनिक जीवन शैली और वनों के लिए जिम्मेदारी को समझने की जरूरत के बारे में सोचते थे। इस आंदोलन के कुछ मुख्य नेताओं में गौरी देवी, चंद्रा प्रभा अग्रवाल, सुन्दरलाल बहुगुणा आदि शामिल थे।


चिपको आंदोलन ने वन संरक्षण के महत्व को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन बाद में वन संरक्षण के लिए दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्त्रोत बन गई 

FAQs about चिपको आंदोलन

  • चिपको आंदोलन कब और कहां हुआ था?


Ans- चिपको आंदोलन भारत के उत्तराखंड राज्य में 1970 और 1980 के दशकों में हुआ था। यह आंदोलन पर्वतीय क्षेत्रों के वनों की रक्षा के लिए लड़ा गया था। इस आंदोलन के दौरान स्त्री एवं पुरुष वन बचाओ के लिए उतरे थे। चिपको आंदोलन के नेता सुन्दरलाल बहुगुणा, गौरी देवी, चंद्रा प्रसाद भट्ट आदि थे।


  • चिपको आंदोलन की शुरुआत कब और किसने की?

Ans- चिपको आंदोलन की शुरुआत 1973 में गौरी देवी नाम की स्थानीय महिला द्वारा की गई थी। उन्होंने वनों की कटाई को रोकने के लिए वन में एक रोप चढ़ाकर आवाज बुलंद कर वनों की रक्षा के लिए लड़ाई शुरू की थी। इस तरीके से उन्होंने आसपास के लोगों को भी इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो आंदोलन को और तेजी मिली और यह बड़ी आंदोलन का रूप ले लिया।


  • चिपको आंदोलन के मुख्य उद्देश्य क्या है?

Ans- चिपको आंदोलन के मुख्य उद्देश्य थे वनों की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ना। इस आंदोलन के द्वारा लोगों को पर्यावरण और वन संरक्षण की महत्वपूर्णता की जागरूकता दी गई। आंदोलन के द्वारा लोगों को वन कटाई के विपरीत वन और पर्यावरण की संरक्षण की जरूरत के बारे में जागरूक कराया गया था। इसके अलावा चिपको आंदोलन के उद्देश्य में स्वदेशी अर्थव्यवस्था एवं लोकतंत्र को मजबूत बनाना भी शामिल था।


  • चिपको आंदोलन की महिला नेता कौन थी

Ans- चिपको आंदोलन की महिला नेता गौरी देवी थी। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों तक पर्यावरण संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ते रहे थे। उन्होंने चिपको आंदोलन के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण की जरूरत के बारे में जागरूक कराया और सभी लोगों को अपने आसपास के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होने की जागरूकता दी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ते हुए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गए थे।


Read more

भारत छोड़ो आंदोलन को आसान भाषा में समझें | Quit India Movement


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Join
WhatsApp Logo