इस पोस्ट में हम आपको भारत छोड़ो आंदोलन को आसान भाषा में समझानें का प्रयास किए हैं, और अंत में इससे जुड़े महत्वपूर्ण क्वेश्चन को भी देखने वाले हैं,
भारत छोड़ो आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन" भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण घटना था। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के विरोध में था और महात्मा गांधी द्वारा नेतृत्व किया गया था।
इस आंदोलन का उद्देश्य था कि भारत ब्रिटिश शासन से आजाद हो जाए। इस आंदोलन का प्रारंभ 1942 में हुआ था और इसे "भारत छोड़ो आंदोलन" के नाम से जाना जाता है। इस आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वाधीनता के लिए अपनी योजना प्रस्तुत की थी, जो बाद में स्वतंत्र भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने आगामी नृणाम की घोषणा की थी, जिससे वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसा के साथ लड़ सकते थे। इस आंदोलन में लाखों लोगों ने भाग लिया था और वे भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे।
भारत छोड़ो आंदोलन भारत के स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था और यह 1947 में भारत की आजादी के बाद समाप्त हुआ।
FAQs about Quit India Movement
Q.भारत छोड़ो आंदोलन कब और कहां हुआ था?
Ans- भारत छोड़ो आंदोलन भारत में ब्रिटिश शासन के विरोध में हुआ था जो भारत की आजादी के लिए एक महत्वपूर्ण उठापटक था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता के लिए लड़ने की थी।
भारत छोड़ो आंदोलन का आरंभ 8 अगस्त 1942 को मुंबई (बंबई) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में किया गया था। इस आंदोलन को 'भारत भाग्य विधाता' के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद इस आंदोलन का असर देश भर में फैल गया था।
इस आंदोलन के मुख्य नेता महात्मा गांधी थे। इस आंदोलन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण नेताओं ने भी भाग लिया था, जिनमें सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, राजेंद्र प्रसाद, सुभाष चंद्र बोस आदि शामिल थे।
भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को भारत को स्वतंत्रता देने के लिए दबाव डाला था।
Q.भारत छोड़ो आंदोलन किसका नारा था?
Ans- भारत छोड़ो आंदोलन का नारा "विदेशी शासन छोड़ो" था। यह नारा महात्मा गांधी द्वारा दिया गया था और इसका मकसद ब्रिटिश सरकार को भारत से अपना शासन समाप्त करने के लिए दबाव डालना था। इस नारे के माध्यम से भारतीय जनता अपने स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह और अहिंसा के साथ लड़ने का संकेत देती थी।
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