कणों के निकाय तथा घूर्णी गति || System of Particles and Rotational Motion Short Question Answer in Hindi

कणों के निकाय तथा घूर्णी गति Class 11th Physics|| System of Particles and Rotational Motion Short Question Answer in Hindi 


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अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. एकसमान द्रव्यमान घनत्व के निम्नलिखित पिण्डों में प्रत्येक के द्रव्यमान केंद्र की अवस्थिति लिखिए :

(a) गोला (b) सिलिंडर, (c) छल्ला तथा (d) घन ।

क्या किसी पिण्ड का द्रव्यमान केंद्र आवश्यक रूप से उस पिण्ड के भीतर स्थित होता है ?

उत्तर- (a) गोले के केन्द्र पर

(b) ज्यामीतिय केन्द्र पर

(c) वलय के केन्द्र पर


(d) व्यास के कटान बिन्दु पर


 प्रश्न 2. निकाय क्या है ?

उत्तर– कोई वस्तुओं या कणों (जो एक-दूसरे पर अन्योन्य क्रिया करते हैं) से बने प्रबंध को निकाय कहते हैं । शांत जल में एक नाव पर कोई व्यक्ति के बैठे होने पर व्यक्ति सहित नाव एक निकाय होता है।


प्रश्न 3. विलगित निकाय क्या हैं ? 

उत्तर- यदि किसी निकाय पर कोई बाह्य बल लग रहा होता है तो उसे विलगित निकाय कहते हैं ।


 प्रश्न 4. द्रव्यमान केन्द्र क्या हैं ?

उत्तर- किसी निकाय का द्रव्यमान केन्द्र वह बिंदु होता है, जहाँ पर उसके समस्त द्रव्यमान को केन्द्रित माना जाता है।


प्रश्न 5. गुरुत्व केन्द्र क्या है ?

उत्तर - किसी वस्तु का गुरुत्व केन्द्र वह बिंदु होता है, जहाँ पर उसके समस्त भार केन्द्रित माना जाता है । मात्र सममिताकार वस्तुओं के द्रव्यमान केन्द्र और गुरुत्व केन्द्र संगामी होते हैं।


प्रश्न 6. द्वि-कण निकाय क्या है ?

उत्तर- दो कणों के समूह जो एक-दूसरे के समीप होते हैं तथा एक-दूसरे पर प्रभाव डालते है, द्वि-कण निकाय कहलाते हैं ।


 प्रश्न 7. द्वि-कण निकाय के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति सदिश समीकरण लिखें।

उत्तर- R= m 1 vec r 1 +m 2 vec r 2/ m_{1} + m_{2} द्वि-कण निकाय के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति सदिश समीकरण है, जहाँ द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति सदिश R द्विकण निकाय के द्रव्यमान m1 तथा

m2 • और मूल बिंदु के सापेक्ष क्रमशः उसकी स्थिति सदिश vec r_{1} तथा vec r_{2} 


 प्रश्न 8. द्रव्यमान केन्द्र की गति के चार उदाहरण दें । 

उत्तर- द्रव्यमान केन्द्र की गति के चार उदाहरण निम्नलिखित हैं- (a) बीच वायु में पटाखे का फटना, (b) ग्रहों की गति, (c) रेडियोसक्रिय नाभिक विघटन तथा (d) क्रिकेट के बल्ले की गति । 


प्रश्न 9. दृढ़ पिंड क्या है ?

उत्तर- दृढ़ पिंड वैसी वस्तु है जिसपर बाह्य बल लगाने पर उनके आकार या आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता है । यह अनेक कणों का समूह होता है और बल लगाने पर उसकी आपेक्षिक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है ।


प्रश्न 10. स्थानान्तरीय गति क्या है ?

उत्तर- जब कोई दृढ़ पिंड एक स्थान से दूसरे स्थान तक इस प्रकार गति करता  है कि उसके सभी अवयवी कणों का विस्थापन और वेग एक समान होते हैं तो उसे स्थानान्तरीय गति कहते हैं। जैसे- रेलगाड़ी की बोगी की गति ।



प्रश्न 11. घूर्णी गति क्या है ?

 उत्तर- जब किसी दृढ़ पिंड पर बल या बलयुग्म लगाने से वह स्वयं से गुजरने वाले किसी अक्ष के परितः घूमने लगता है तो उसकी गति को घूर्णी गति कहते हैं। पहिये की गति, धिरनियों की गति, पंखे की पत्तियों की गति, कब्जे के परितः किवाड़ों की गति आदि ।

प्रश्न 12. बल आघूर्ण क्या है ?

उत्तर- किसी बल द्वारा किसी पिंड को किसी अक्ष के परिततः घुमाने के प्रभाव को उसका बल आघूर्ण कहते हैं।


प्रश्न 13. बल-आघूर्ण की माप कैसे की जाती है ?उत्तर- किसी घूर्णन अक्ष या किसी बिंदु के परितः बल-आघूर्ण, बल के परिमाण और उस अक्ष या बिंदु से उसकी क्रिया रेखा के बीच की लम्बवत् दूरी के गुणनफल के बराबर होता है। इसे  (टाऊ) द्वारा व्यक्त किया जाता है । अर्थात् बल-आघूर्ण = बल (F) x बल की क्रियारेखा की अक्ष से लम्बवत् दूरी (d) होता है ।


प्रश्न 14. बल-आघूर्ण कैसी राशि है ? 

उत्तर- बल-आघूर्ण एक सदिश राशि है।

प्रश्न 15. बल-आघूर्ण के मात्रक एवं विमीय सूत्र लिखें ।

उत्तर- बल आघूर्ण का S. I. पद्धति में मात्रक न्यूटन मीटर तथा विमीय सूत्र [ M * L ^ 2 T^ -2 ] होता है ।


प्रश्न 16. बल-आघूर्ण के न्यूनतम होने की आवश्यक शर्तें क्या हैं ?

उत्तर-बल-आघूर्ण के न्यूनतम होने की आवश्यक शर्तें निम्नलिखित हैं

(a) बल को घूर्णन अक्ष के ही किसी बिंदु पर लगाने से ।

(b) बल की क्रिया रेखा उसी बिंदु से होकर गुजरने से जिसके परितः पिंड घूमता है ।

 (c) बल का मान शून्य होने से ।


प्रश्न 17. बल-आघूर्ण के अधिकतम होने की आवश्यक शर्तें लिखें ।

 उत्तर- (a) बल की अपनी क्रिया रेखा के स्थिति सदिश के लम्बवत् लगाने से ।

(b) बल की क्रिया रेखा घूर्णन-अक्ष से अधिक दूरी पर होने से ।


प्रश्न 18. दैनिक जीवन में बल-आघूर्ण के चार उदाहरण लिखें ।

उत्तर- (a) पेचकस का हत्था चौड़ा होना,

(b) आटा पीसने की चक्की में हत्था परिधि के पास होना, 

(c) जलपम्प का हत्था का लम्बा होना और

(d) पाने (Wrench) की सहायता से नट को खोलना ।

प्रश्न 19. कोणीय संवेग क्या है ?

उत्तर- किसी कण के रेखीय संवेग का किसी घूर्णन अक्ष के परितः आघूर्ण उस कण का उस अक्ष के परितः कोणीय संवेग कहलाता है। इसे L द्वारा व्यक्त किया जाता है। यह एक सदिश राशि है।


प्रश्न 20. कोणीय संवेग के मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखें

उत्तर - कोणीय संवेग के S.I. पद्धति में मात्रक किलोग्राम-मीटर^2/सेकेण्ड और विमीय सूत्र[ML^2T^-1] हैं।


प्रश्न 21. कोणीय संवेग की माप क्या है ?

उत्तर-कोणीय संवेग, रैखिक संवेग के परिमाण और घूर्णन अक्ष से रैखिक संवेग की क्रिया रेखा से लम्बवत दूरी का गुणनफल होता है । अर्थात् कोणीय संवेग L = रेखीय संवेग( P) x क्रिया रेखा से लम्बवत् दूरी (d) होता है । अतः यह पिंड की घूर्णी गति की माप है ।

 प्रश्न 22. कोणीय संवेग संरक्षण का नियम क्या है ?

उत्तर- "किसी कण पर बाह्य बल-आघूर्ण के शून्य होने पर उसका कोणीय संवेग नियत हता है।"

प्रश्न 23. जड़त्व आघूर्ण क्या है ?

उत्तर- घूर्णी गति में कोई पिंड उसकी घूर्णी अवस्था में परिवर्तन करने के लिए लगाए गए बाह्य बल-आघूर्ण का विरोध करने की प्रवृत्ति को उसका जड़त्व आघूर्ण कहते हैं। यह अदिश राशि है।


प्रश्न 24. जड़त्व आघूर्ण की माप कैसे होती हैं ?

उत्तर - किसी कण के द्रव्यमान तथा घूर्णन-अक्ष से दूरी के वर्ग के गुणनफल को कण का घूर्णन - अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण की माप होती है ।

प्रश्न 25. जड़त्व आघूर्ण के मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखें ।

 उत्तर- जड़त्व आघूर्ण के S. I. पद्धति में मात्रक किलोग्राम मीटर^2 तथा विमीय [ML^2T^0] होता है ।


प्रश्न 26. घूर्णन त्रिज्या क्या है ?

उत्तर- किसी पिंड की घूर्णन त्रिज्या, घूर्णन-अक्ष से उस बिंदु की लम्बवत् दूरी है जिस पर  पिंड के सम्पूर्ण द्रव्यमान को केन्द्रित मानकर प्राप्त जड़त्व आघूर्ण उसके वास्तविक जड़त्व आघूर्ण के बराबर होता है ।

अथवा, किसी पिंड की घूर्णन त्रिज्या घूर्णन अक्ष से वह लम्बवत् दूरी है जिसके वर्ग को उस पिंड के द्रव्यमान से गुणा करने पर उस अक्ष के परितः उसका जड़त्व आघूर्ण प्राप्त होता है । इसे K द्वारा व्यक्त किया जाता है। इसका मात्रक मीटर तथा विमीय सूत्र [M^0LT^O] 

प्रश्न 27. घूर्णन त्रिज्या की माप की परिभाषा दें ।

उत्तर- किसी अक्ष के परितः किसी पिंड की घूर्णन त्रिज्या उस अक्ष के परितः उस जड़त्व आघूर्ण और द्रव्यमान के अनुपात के वर्गमूल के बराबर होती है। अथवा, किसी पिंड की घूर्णन त्रिज्या उसके विभिन्न कणों की अक्ष से दूरियों के वर्ग माध्य मूल के बराबर होती है।


प्रश्न 28. जड़त्व आघूर्ण के योग का प्रमेय क्या है ?

उत्तर- किसी घूर्णन-अक्ष के परितः किसी निकाय का जड़त्व आघूर्ण उस अक्ष के परित: निकाय के सभी कणों के जड़त्व आघूणों के योगफल के बराबर होता है ।

प्रश्न 29. जड़त्व आघूर्ण के समान्तर अक्षों का प्रमेय क्या है ?

 उत्तर- किसी अक्ष के परित: एक पिंड का जड़त्व आघूर्ण उसके द्रव्यमान केन्द्र से गुजरने वाले समांतर अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण और उसके द्रव्यमान तथा दोनों अक्षों के बीच की दूरी के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है । 


प्रश्न 30. जड़त्व आघूर्ण के लम्बवत् अक्षों का प्रमेय क्या है ?

उत्तर- किसी समतल पटल का उसके तल के लम्बवत् अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण उसी के तल में स्थित दो लम्बवत् अक्षों के परितः जड़त्व आघूर्णो के योग के बारबर होता है। दोनों अक्ष एक-दूरसे को उस बिंदु पर काटते हैं, जिसमें से होकर लम्ब अक्ष गुजरता है|

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