गति के नियम कक्षा 11वीं फिजिक्स का Short Type Question Answer || Laws of Motion Class 11th Short Type Question Answer in Hindi
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अतिलघु उतरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. विरामावस्था क्या है ?
उत्तर— जब कोई वस्तु समय के साथ अपने चारों तरफ की वस्तुओं के सापेक्ष अपना स्थान नहीं बदलती है तो उसे विरामावस्था में कहते हैं ।
प्रश्न 2. गत्यावस्था किसे कहते हैं ?
उत्तर- जब कोई वस्तु समय के साथ अपने चारों तरफ की वस्तुओं के सापेक्ष अपना स्थान बदलती है, तो उसे गत्यावस्था में कहते हैं ।
प्रश्न 3. विराम और गति मात्र आपेक्षिक हैं, निरपेक्ष नहीं;
कैसे ?
उत्तर- क्योंकि जो वस्तु एक वस्तु के सापेक्ष विरामावस्था में होती है, वही वस्तु दूसरी वस्तु के सापेक्ष गत्यावस्था में होती है। जैसे- रेलगाड़ी में बैठा हुआ यात्री रेल के डिब्बे के सापेक्ष विरामावस्था में होता है, किन्तु भूमि पर स्थित वृक्षों के सापेक्ष गत्यावस्था में होता है । उसी प्रकार पृथ्वी पर स्थित वृक्ष, खम्भे आदि पृथ्वी के सापेक्ष विरामावस्था में होते हैं, किन्तु चन्द्रमा, सूर्य आदि के सापेक्ष गत्यावस्था में होते हैं ।
प्रश्न 4. बल क्या है ?
उत्तर- बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु की विराम अवस्था, गत्यावस्था, आकार या आकृति में परिवर्तन कर देता है या करने की चेष्टा करता है |S.I पद्धति में इसका मात्रक न्यूटन है । यह एक सदिश राशि है।
प्रश्न 5. जड़त्व क्या है ?
उत्तर— किसी वस्तु का वह गुण जो अपनी विरामावस्था या गत्यावस्था में स्वतः ही परिवर्तन करने में असमर्थ होती है, उसका जड़त्व कहलाता है ।
प्रश्न 6. जड़त्व कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर- जड़त्व दो प्रकार के होते हैं- (a) विराम का जड़त्व और (b) गति का जड़त्व
प्रश्न 7. विराम का जड़त्व क्या है ?
उत्तर- किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वह बाह्य बल की अनुपस्थिति में अपने विरामवस्था में परिवर्तन करने में असमर्थ होती है, विराम का जड़त्व कहलाता है । उदाहरण- (a) मोटरकार या रेलगाड़ी के एकाएक चलने पर बैठा यात्री पीछे की तरफ गिर जाता है । (b) कम्बल को छड़ी से पीटने पर धूल के कण झड़कर अलग हो जाते है । (c) गिलास के ऊपर कार्ड और उसके ऊपर सिक्का रखकर कार्ड को तेजी से धक्का देने पर सिक्का गिलास में गिर जाता है ।
प्रश्न 8. गति का जड़त्व क्या है ?
उत्तर- किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वह बाह्य बल की अनुपस्थिति में अपनी गत्यावस्था में परिवर्तन करने में असमर्थ होती है, गति का जड़त्व कहलाता है । उदाहरण (a) चलती हुई मोटर कार या बस या रेलगाड़ी में एकाएक ब्रेक लगाने पद उसमें बैठे यात्री आगे की तरफ झुक जाते हैं। (b) लम्बी कूद के खिलाड़ी कुछ दूर से दौड़कर आते हैं । (c) चलती हुई रेलगाड़ी या बस से कूदनेवाला व्यक्ति उसकी दिशा में ही गिर जाता है।
प्रश्न 9. न्यूटन के गति के कितने तथा कौन-कौन नियम हैं ?
उत्तर— न्यूटन के गति के निम्नलिखित तीन नियम है— (a) न्यूटन के गति के प्रथम नियम, इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं— (b) न्यूटन के गति के द्वितीय तथा
(c) न्यूटन के गति का तृतीय नियम ।
प्रश्न 10. न्यूटन के गति का प्रथम नियम क्या है ?
उत्तर- " जो वस्तु स्थिर है वह स्थिर ही रहेगी और जो वस्तु गतिशील है वह उसी दिशा में उसी वेग से तब गतिशालि रहेगी, जबतक कि उस पर कोई बाह्यबल न लगाया जाए ।" यह बल की गुणात्मक परिभाषा बतलाता है।
प्रश्न 11. संवेग क्या है ?
उत्तर—यह किसी गतिमान वस्तु की गति की कुल मात्रा की माप है। अर्थात् किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को उसका संवेग कहते हैं । उसका SI मात्रक किलोग्राम मीटर / सेकेंड होता है ।
प्रश्न 12. न्यूटन के गति का द्वितीय नियम क्या है ?
उत्तर- "किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती होती है और यह परिवर्तन बल की दिशा में ही होता है।" इससे बल की माप होती है।
प्रश्न 13. आवेग क्या है ?
उत्तर- यह बल के कुल प्रभाव की माप है। जब कोई बल किसी वस्तु पर अल्प समयान्तराल के लिए लगाया जाता है तो बल और समयान्तराल के गुणनफल को बल का आवेग कहते हैं। यह वस्तु के संवेग में परिवर्तन के बराबर होता है ।
प्रश्न 14. बल के आवेग का दैनिक जीवन में आने वाले दो उदाहरण दें।
उत्तर- (a) क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई गेंद को पकड़ते समय अपने हाथ पीछे की तरफ खींचता हैं ।
(b) सर्कस कलाकार जाली या मोटे गद्दे पर कूदते हैं
प्रश्न 15. न्यूटन के गति का तृतीय नियम लिखें ।
उत्तर- " प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है |
प्रश्न 16. न्यूटन के गति का तृतीय नियम का उदाहरण दें।
उत्तर -(a) बन्दूक या रायफल से गोली दागते समय उसे चलाने वाले को पीछे की तरफ धक्का लगता है ।
(b) जब नाव पर सवार व्यक्ति नाव के किनारे पर कूदता है तो वह नाव को अपने पैरों से पीछे की तरफ दबाता है ।
प्रश्न 17. रेखीय संवेग-संरक्षण सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर- किसी निकाय पर कोई बाह्य बल के नहीं लगने से उसका सम्पूर्ण रेखीय संवेग नियत रहता है। "
प्रश्न 18. संगामी बल तथा उसका संतुलन क्या है ?
उत्तर- जब दो या दो से अधिक बल किसी बिंदु पर कार्य करते हैं तो वे संगामी बल कहलाते हैं। जब किसी बिंदु पर कार्यरत सभी बलों का परिणामी शून्य होता है तो वे संतुलन में कहे जाते हैं।
प्रश्न 19. घर्षण की परिभाषा लिखें ।
उत्तर- जब एक पिंड दूसरे के ऊपर फिसलता (गतिशील) या फिसलने (गतिशील होने) का प्रयास करता है तो उनके सम्पर्क तलों मध्य एक बल कार्यरत होता है जो उसकी सापेक्ष गति का विरोध करता है। इस गति विरोधी बल को घर्षण बल कहते हैं ।
प्रश्न 20. स्थैतिक घर्षण क्या है ?
उत्तर - जब एक पिंड को दूसरे पिंड पर चलाने (गतिशील होने) का प्रयास किया जाता है, फिर भी पहला पिंड विरामावस्था में ही रहता है तो दोनों पिंडों के सम्पर्क तलों के मध्य कार्यरत घर्षण को स्थैतिक घर्षण कहते हैं।
प्रश्न 21. सीमान्त या चरम घर्षण क्या है ?
उत्तर— जब एक पिंड को दूसरे पिंड पर चलाने का प्रयास किया जाता है और पहला पिंड ठीक चलने (गतिशील होने) को तैयार होता है तो उस सीमान्त संतुलन की स्थिति में दोनों पिंडों के सम्पर्क तलों के मध्य कार्यरत घर्षण को सीमान्त या चरम घर्षण कहते हैं। इसका मान अधितम होता है।
प्रश्न 22. गतिज घर्षण की परिभाषा लिखें ।
उत्तर— जब एक पिंड दूसरे पिंड के ऊपर चलता (गतिशील होता) है तो दोनों पिड़ों के सम्पर्क तलों के मध्य कार्यरत घर्षण को गतिज घर्षण कहते हैं ।
प्रश्न 23. घर्षण कोण क्या है ?
उत्तर- सीमान्त घर्षण और अभिलम्ब प्रतिक्रिया का परिणामी, अभिलम्ब प्रतिक्रिया से जो कोण बनता है, उसे घर्षण कोण कहते हैं ।
प्रश्न 24. विराम कोण क्या है ?
उत्तर— जब कोई पिंड किसी नत समतल पर सीमान्त संतुलन की स्थिति में होता है तो नत समतल का क्षैतिज से झुकाव विराम कोण कहलाता है ।
प्रश्न 25. सर्पी घर्षण क्या है ?
उत्तर- जब एक पिंड दूसरे पिंड पर फिसलता है तो उनके सम्पर्क तलों के मध्य कार्यरत घर्षण को सर्पी घर्षण कहते हैं ।
प्रश्न 26. बेलन (रौलिंग) घर्षण क्या है ?.
उत्तर— जब एक पिंड को दूसरे पिंड के तल पर घुमाया जाता है या घुमाने का प्रयास किया जाता है तो दोनों के सम्पर्क तलों के मध्य कार्यरत घर्षण को बेलन (रौलिंग) घर्षण कहते हैं ।
प्रश्न 27. घर्षण गुणांक क्या है ?
उत्तर— सीमान्त घर्षण और अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुपात को सीमान्त घर्षण गुणांक कहते हैं ।
प्रश्न 28. निर्देश फ्रेम क्या है ?
उत्तर— यह एक निर्देशांक निकाय है जिसके सापेक्ष किसी घटना या पिंड की गति का अध्ययन किया जाता है ।
प्रश्न 29. जड़त्वीय निर्देश फ्रेम क्या है ?
उत्तर- ये वैसे निर्देश फ्रेम होते हैं जिसमें न्यूटन के गति के नियम लागू होते हैं ।
प्रश्न 30. अजड़त्वीय निर्देश फ्रेम क्या है ?
उत्तर— ये वैसे निर्देश फ्रेम होते हैं जिसमें न्यूटन के गति के नियम नहीं लागू होते हैं। जैसे— सभी त्वरित तथा घूर्णी निर्देश फ्रेम ।
प्रश्न 31. क्षैतिज वृत्तीय गति के नियत चाल से गति करते कण के लिए क्या स्थिर रहता है ?
उत्तर— गतिज ऊर्जा ।
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लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. बल से आप क्या समझते हैं ? इसके मात्रक लिखें ।
उत्तर- बल वह भौतिक कारक है जो किसी वस्तु पर लगकर उसकी विरामावस्था में परिवर्तन लाता है या लाने की चेष्टा करता है। न्यूटन के गति के प्रथम नियम इसकी गुणात्मक परिभाषा बतलाता है और न्यूटन के गति के द्वितीय नियम इसकी माप प्रस्तुत करता हैं ।
बल = द्रव्यमान x त्वरण होता है। यह एक सदिश राशि है। बल का SI मात्रक किलोग्राम-मीटर प्रति सेकेंड ^2 (किग्रा मी/से^2) होता है, इसे न्यूटन कहते हैं
अर्थात् 1 न्यूटन = 1 किलोग्राम-मीटर/से'^2 होता है। इसका अन्य व्यावहारिक मात्रक - किलोग्राम भार भी होता है।
1 किलोग्राम भार = 1 किलोग्राम x g (गुरुत्वीय त्वरण) मी/से^2 = g न्यूटन ।
अतः 1 किलोग्राम-भार = 9.8 न्यूटन या 1 न्यूटन = 1/ 9.8 किग्रा भार ।
प्रश्न 2. मोटरकार या रेलगाड़ी के एकाएक चलने पर उसमें बैठा यात्री पीछे की तरफ गिर जाता है , क्यों ?
उत्तर- क्योंकि मोटरकार या रेलगाड़ी के एकाएक चलने पर उसमें बैठे यात्री के शरीर के नीचे का भाग गतिशील हो जाता है किन्तु ऊपर का भाग जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही रहता है। अतः विराम के जड़त्व के कारण मोटरकार या रेलगाड़ी के एकाएक चलने पर उसमें बैठा यात्री पीछे की तरफ गिर जाता है।
प्रश्न 3. ऊनी पोशाक या कम्बल को डंडे से पीटने पर उससे धूल के कण झड़ या अलग हो जाते हैं; क्यों ?
उत्तर- क्योंकि डंडे से पीटने पर ऊनी पोशाक या कम्बल गत्यावस्था में आ जाता है, किन्तु धूल के कण जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही रहते हैं। अतः विराम के जड़त्व कारण धूल के कण झड़ या अलग हो जाते हैं ।
प्रश्न 4. बंदूक की गोली से खिड़की की काँच में स्पष्ट छेद बन जाता हैं, किन्तु पत्थर मारने पर वही काँच चटक जाता है; ऐसा क्यों ?
उत्तर— क्योंकि बंदूक की गोली का वेग अत्यधिक होता है। अतः काँच के जितने भाग में गोली लगती है उतना ही भाग गतिशील होता है, शेष भाग जड़त्व के कारण विरामावस्था में बना रहता है जिससे काँच में स्पष्ट छेद बन जाता है। किन्तु पत्थर फेंके जाने का वेग बहुत कम होता है, अतः जितने भाग पर पत्थर लगता है, उसके अतिरिक्त अन्य भाग मी गत्यावस्था में आ जाते हैं। फलस्वरूप काँच चटक जाता है ।
प्रश्न 5. एक गिलास के ऊपर कार्ड और उसके ऊपर सिक्का रखकर यदि कार्ड को तेजी से धक्का दिया जाता है तो सिक्का गिलास में गिर जाता है, गिलास से बाहर नही; ऐसा क्यों ?
उत्तर—क्योंकि प्रारम्भ में कार्ड और उस पर रखा हुआ सिक्का दोनों विरामावस्था में रहते है। कार्ड को तेजी से धक्का देने पर वह गत्यावस्था में आ जाता है, किन्तु सिक्का जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही रहता है। इस प्रकार कार्ड आगे बढ़ जाता है और विराम जड़त्व के कारण सिक्का गिलास में ही गिर जाता है।
प्रश्न 6. चलती हुई मोटरगाड़ी या बस में एकाएक ब्रेक लगाने पर उसमें बैठे यात्री आगे की तरफ झुक जाते हैं; क्यों ?
उत्तर— क्योंकि चलती हुई मोटर गाड़ी या बस में बैठे यात्री के नीचे का भाग विरामावस्था में आ जाता है । किन्तु जड़त्व के कारण उसके ऊपर का भाग गत्यावस्था में ही बना रहता है । अतः गति के जड़त्व कारण मोटरकार या बस में बैठे यात्री आगे की तरफ झुक जाते हैं । ।
प्रश्न 7. दौड़ते हुए घोड़े के एकाएक रूक जाने पर उसपर बैठा घुड़सवार आगे की तरफ गिर जाता है, क्यों ?
उत्तर- क्योंकि दौड़ते हुए घोड़े के एकाएक रूकने से घुड़सवार के शरीर के नीचे का भाग विरामावस्था में आ जाता है, किन्तु जड़त्व के कारण उसके ऊपर का भाग गति की दिशा में ही गत्यावस्था में बना रहता है । अतः दौड़ते हुए घोड़े के रूक जाने पर घुड़सवार आगे की तरफ गिर जाता है ।
प्रश्न 8. चलती हुई रेलगाड़ी या बस से उतरते समय यात्री को उसकी दिशा में कुछ दूर तक दौड़ना चाहिए अन्यथा यात्री रेलगाड़ी की दिशा में गिर जाता है; क्यों ?
उत्तर— क्योंकि यात्री ज्योंही रेलगाड़ी या बस से रोड (जमीन) पर कूदता है तो उसके पैर विरामावस्था में आ जाते हैं, किन्तु शरीर का शेष भाग जड़त्व के कारण गत्यावस्था में ही बना रहता है । अतः यात्री चलती रेलगाड़ी या बस की दिशा में ही गिर जाता है । इसलिए । यात्री को उतरते या कूदते समय रेलगाड़ी या बस की दिशा में कुछ दूर तक दौड़ना चाहिए ।
प्रश्न 9. चलती हुई बस या रेलगाड़ी में बैठा यात्री जब सिक्का ऊपर की ओर के उछालता है तो सिक्का उसके हाथ में ही वापस गिरता है; क्यों ?
उत्तर— क्योंकि सिक्का ऊपर जाते समय और नीचे वापस आते समय जड़त्व के कारण बस या रेलगाड़ी के वेग से क्षैतिज दूरी भी पार करता है, अतः सिक्का ऊपर उछालने पर यात्री के हाथ में वापस आता है ।
प्रश्न 10. प्रकृति में कार्यरत मूल बलों की चर्चा करें । अथवा, प्रकृति में कार्यरत मूल बल कौन-कौन हैं ? वर्णन करें ।
उत्तर— प्रकृति में चार प्रकार के निम्नलिखित मूल बल कार्यरत हैं - (a) गुरुत्वीय बल (b) विद्युत चुम्बकीय बल (c) क्षीण बल तथा (d) प्रबल बल ।
(a) गुरुत्वीय बल : प्रकृति में विभिन्न पिंडों के बीच कार्य करने वाले बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। यह किन्ही दो पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्यत्क्रमानुपाती होता है।
इसकी परास दीर्घ होती है। इसी के कारण विभिन्न ग्रह सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा करते हैं तथा तारों का जन्म एवं गैलेक्सी का निर्माण हुआ | है। विश्व के विकास का कारण यही गुरुत्व बल है ।
(b) विद्युत चुम्बकीय बल-- दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाले बल को स्थिर बैद्युत बल तथा दो चुम्बकों के बीच लगने वाले बल को चुम्बकीय बल कहते हैं, जो एक-दूसरे से सम्बन्धित होते हैं। अतः स्थिर विद्युत बल और चुम्बकीय बल विद्युत चुम्बकीय बल है ।
(c) क्षीण बल-- किन्हीं दो मौलिक कणों के बीच कार्यरत बल को क्षीण बल कहते हैं। रेडियोसक्रिय तत्त्वों के रेडियोसक्रिय अपक्षय की प्रक्रिया में नाभिक से एक इलेक्ट्रॉन तथा अनावेशित कण (न्यूट्रॉन) उत्सर्जित होते हैं । इसमें नाभिक और न्यूट्रॉन इसी बल द्वारा - एक-दूसरे से क्रिया करते हैं ।
(d) प्रबल बल -- दो न्यूक्लिऑनों (प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों) को नाभिक में बनाये रखनेवाला बल, प्रबल बल कहलाता है। इसे नाभिकीय बल भी कहते हैं। यह प्रोट्रॉनों के बीच लगने वाले प्रतिकर्षण बल के बावजूद न्यूक्लिऑनों को नाभिक के अंदर बाँधे रखता है । इसकी परास अल्प होती है ।
चारों मूल बलों की आपेक्षिक तीव्रताएँ निम्नलिखित हैं : प्रबल बल:विद्युत चुम्बकीय बल: क्षीण बल : गुरुत्वीय बल = 1 : (10 ^ - 2) : (10 ^ - 13) :(10 ^ - 38)
अथवा, गुरुत्वीय बल: क्षीण बल: विद्युत-चुम्बकीय बल: प्रबल बल = 1 : (10 ^ 25):(10 ^ 38):(10 ^ 38)
प्रश्न.11 दैनिक जीवन में आवेग के चार उदाहरण दें ।
उत्तर- (a) क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई क्रिकेट गेंद को अपने हाथ पीछे की तरफ खींचकर या ले जाकर पकड़ता है क्योंकि ऐसा करने से समयान्तराल बढ़ता है, फलस्वरूप आरोपित गेंद द्वारा हाथ पर बल कम लगने से चोट कम लगती है ।
(b) ऊँचाई से पक्के फर्श की अपेक्षा कच्चे फर्श पर कूदने से पैरों को कम चोट लगता है क्योंकि कच्चे फर्श कूदने से पैर शीघ्र विरामावस्था में नहीं आने के कारण समयान्तराल बढ़ जाता है जिससे आरोपित बल का मान कम हो जाने के कारण पैरों को काम चोट लगता है ।
(c) सर्कस का कलाकार जाली या मोटे गद्दे पर कूदते हैं क्योंकि ऐसा करने से समयान्तराल बढ़ता है फलस्वरूप आरोपित बल कम हो जाता है और चोट नहीं लग पाती है।
(d) काँच या मिट्टी के बरतन पक्की जमीन पर गिरते ही टूट जाते हैं, किन्तु कच्ची जमीन पर गिरने से नहीं टूटते हैं क्योंकि पक्की जमीन पर गिरने से बरतन शीघ्र विरामावस्था vec 4 आ जाते हैं जिससे समयान्तराल कम हो जाता है तथा आरोपित बल बढ़ जाता है और बरतन गिरते ही टूट जाते हैं किन्तु कच्ची जमीन पर गिरने से समयान्तराल के बढ़ने से आरोपित बल कम हो जाता है और बरतन नहीं टूटते हैं ।
प्रश्न 12. जब किसी गेंद को ऊपर फेंका जाता है तो उसके रैखिक संवेग का परिणाम पहले घटता है पुनः बढ़ता है , क्या इसके रैखिक संवेग संरक्षण के सिद्धांत का उल्लंघन होता है ?
उत्तर- यदि परस्पर अन्योन्य क्रिया करने वाले कणों के निकाय पर कोई बाहा बल न लगाया जाए तो निकाय का कुल रेखीय संवेग संरक्षित रहता है । इसे संवेग संरक्षण का सिद्धान्त कहते हैं । यह केवल वियुक्त निकायों के लिए लागू होता है ।
जब गेंद को ऊपर फेंका जाता है तो यह एक निश्चित ऊँचाई पर रूक जाती है, पुनः नीचे गिरना प्रारंभ करती है। इसका संवेग लगातार बदल रहा है। इसका कारण है कि गेंद पृथ्वी के साथ गुरुत्वीय क्षेत्र में अन्योन्य क्रिया कर रही है। यदि गेंद तथा पृथ्वी को एक निकाय मान लिया जाता है तो संवेग संरक्षित रहता है। जब गेंद ऊपर जाती है तो पृथ्वी नीचे जाती है और जब गेंद नीचे आती है तो पृथ्वी संरक्षित रहता है । जब गेंद ऊपर जाती है तो पृथ्वी नीचे जाती है और जब गेंद नीचे आती है तो पृथ्वी ऊपर आती है । नीचे जाने पर संवेग प्राप्त होता है तथा ऊपर जाने पर संवेग में ह्रास होता है।
प्रश्न 13. घर्षण का क्या कारण है ?
उत्तर- विश्व की किसी भी वस्तु की सतह पूर्णतः चिकनी नहीं होती है । प्रत्येक सतह पर आण्विक अनियमितता होती है । जब एक सतह दूसरी सतह के सम्पर्क में आती है तो आण्विक अनियमितता के कारण अन्तर्ग्रथन हो जाता है । जब एक पिंड के ऊपर दूसरे पिंड को चलाने का प्रयास किया जाता है तो इस अन्तर्ग्रथन के कारण गति विरोधी बल कार्य करने लगता है जिसे घर्षण बल कहते हैं अर्थात् यह घर्षण का कारण होता है ।
मुख्यतः घर्षण दो कारणों से उत्पन्न होते हैं :
(a) दो वस्तुओं के सम्पर्क या स्पर्श सतहों का रूखड़ापन तथा (b) दो वस्तुओं के सम्पर्क सतहों के बीच आण्विक आकर्षण ।
प्रश्न 14. सड़कों पर चलने वाले वाहनों के टायरों को खुरदरा तथा लहरदार बनाया जाता है, क्यों ?
उत्तर- क्योंकि सड़कों पर वाहनों का चलना सड़क एवं वाहनों के बीच लगन वाले घर्षण बल के कारण ही संभव होता है । टायरों के चिकने होने से सड़क और टायरों के बीच घर्षण | काफी कम हो जा सकते हैं फलस्वरूप वाहनों की गति नियंत्रित होना कठिन हो जाता है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ या बनी रह सकती है । इसके बचाव के लिए ही वाहनों के ययरों को खुरदरा और लहरदार बनाया जाता है।
प्रश्न 15. पीपे को सरकाने की अपेक्षा लुढ़काना आसान है; क्यों ?
उत्तर- क्योंकि जब पीपे को सरकाया जाता है तो उसके गति के विरुद्ध सर्पी घर्षण कार्य करता है, किन्तु उसके लुढ़काने से उसकी गति के विरुद्धों है कि लोटनिक घर्षण कार्य करता है । सर्पी घर्षण के मान से लोटनिक घर्षण का मान बहुत कम होता है इसलिए पीपे को सरकाने की अपेक्षा लुढ़काना अधिक आसान होता है ।
प्रश्न 16. घर्षण से क्या-क्या लाभ एवं हानियाँ हैं ?
उत्तर घर्षण से निम्नलिखित लाभ हैं
(a) पैरों और पृथ्वी (जमीन) के मध्य घर्षण के कारण हम चल पाते हैं ।
(b) भोजन को हम चबा पाते हैं
(c) वाहनों पर ब्रेक लगाकर उन्हें रोक पाते हैं तथा दीवार पर कील ठोक पाते हैं ।
(d) झाग उत्पन्न होते हैं तथा हम रस्सी बना पाते हैं ।
घर्षण से निम्नलिखित हानियाँ हैं
(a) मशीनों के कल-पुर्जे घिसते हैं और उसकी दक्षता कम हो जाती है ।
(b) मशीनों को दी गयी ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा के रूप में व्यय हो जाता है ।
प्रश्न 17. घर्षण को किस प्रकार कम किया जा सकता है ?
उत्तर घर्षण को निम्न प्रकार से कम किया जा सकता है—
(a) सम्पर्क तलों की पॉलिश करके,
(b) बॉल-बियरिंग का उपयोग करके,
(c) स्नेहक तेल या ग्रीस का उपयोग करके तथा
(d) धारा रेखीय आकृति देकर ।
प्रश्न 18. घर्षण बढ़ाने के क्या उपाय हैं ?
उत्तर घर्षण बढ़ाने के निम्नलिखित उपाय हैं-
(a) चिकनी मिट्टी पर रेत डालकर,
(d) जूते के तलवे खुरदरे बनाकर ।
(c) मोटरगाड़ियों के टायरों में खाँचें बनाकर तथा
(b) मशीनों में लगे पट्टे में चिपचिपा तरल पदार्थ लगाकर,
प्रश्न 19. मोड़ों के निकट सड़क को ढालुवाँ क्यों बनाया जाता है ?
उत्तर जब वक्र पथ पर कोई गाड़ी चलती है तो आवश्यक अभिकेन्द्र बल प्राप्त करने के लिए केन्द्र की ओर झुकना पड़ता है । पथ वाहन पर ऊपर की दिशा में एक बल जरूर लगाएँ जो उसके भार को संभालने के लिए पर्याप्त है तथा साथ ही क्षैतिज अभिकेन्द्र बल भी प्रदान करे । यदि रास्ता चौरस (समतल) है, तो क्षैतिज अभिकेन्द्र बल पूर्ण रूप से घर्षण बल है जो जमीन तथा टायरों के बीच लगा हुआ पाश्विक बल है । ऐसी स्थिति में घर्षण बल तीक्ष्ण घुमाव उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त बड़ा नहीं हो सकता, यदि रास्ते की सतह चिकनी हो ।
यदि रास्ते को क्षैतिज से थोड़ा झुका दिया जाता है तो क्षैतिज बल का एक भाग अभी भी घर्षण बल द्वारा प्रदान किया जाता है लेकिन अधिकांश भाग सतह की प्रतिक्रिया के कारण होता है। यदि ढलाव कोण का चुनाव उचित रूप से किया जाए तो पथ के द्वारा लगाया गया बल उसके पृष्ठ पर लम्ब है तथा कोई घर्षण बल आवश्यक नहीं है ।
स्पष्ट है कि ढलाव कोण चाल पर निर्भर करता है । अतः वक्र पथ को किसी एक चाल के लिए ढालुवाँ बनाया जाता है। किसी अन्य चाल पर फिसलन को रोकने के लिए घर्षण बल पर निर्भर करना जरूरी है।
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भौतिक विज्ञान वर्ग 11 अध्याय 5
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