भँवर धारा परिभाषा, भँवर धारा की निर्भरता ,भँवर धारा की हानियां ,भँवर धारा का अनुप्रयोग

इस पोस्ट में हमलोग निम्नलिखित टाॅपिक पर विस्तार पूर्वक चर्चा करने वाले हैं

This Post include

  1. भँवर धारा किसे कहते हैं?
  2. भँवर धारा किन किन बातों पर निर्भर करता है ?
  3. भँवर धारा की हानियां 
  4. भँवर धारा का अनुप्रयोग 

भँवर धारा --  सन 1875 ई. मे फोको नामक वैज्ञानिक ने देखा की जब कीसी चुम्बकिय क्षेत्र में कोई धातु गति करता है। तो धातु मे चुम्बकिय फ्लक्सों  की संख्या मे परिवर्तन होता है। जिसके कारण धातु मे प्रेरित धारा या प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न होती है। जिसे भंवर धारा कहते है।


भँवर धारा की निर्भरता -- भँवर धारा निम्नलिखित दो बातों पर निर्भर करती है 

1. विभवांतर
2. प्रतिरोध

( i = V/R संबंध से निष्कर्ष निकाल सकते हैं )
1. किसी धातु के टुकड़े में जब विभव का मान बढ़ता है तो भंवर धारा का मान भी बढ़ता है 
2. किसी धातु के टुकड़े का प्रतिरोध अधिक होने पर भंवर धारा का मान कम होता है एवं प्रतिरोध कम होने पर भंवर धारा का मान अधिक होता है 

भँवर धारा की हानियां -- 
                               1. किसी कुंडली में भंवर धारा उत्पन्न होने से उष्मा की हानि होती है ।

भँवर धारा का अनुप्रयोग -- 

                                     
1. चल कुंडली धारामापी में 
2. प्रेरण भट्टी में
3. प्रेरण मोटर में 
4. विद्युत रेल गाड़ी के ब्रेक लगाने में 

FaQ about Class 12th Physics 

1.चुम्बकीय याम्योत्तर क्या है
 उत्तर - जब किसी चुम्बक को स्वतन्त्रता पूर्वक लटकाया जाए तो चुम्बक के अक्ष से गुजरने वाले सतह को चुम्बकीय याम्योतर कहते है।


2. द्विकपात कोण क्या है
उत्तर- भौगोलिक याम्योत्तर एवं चुंबकीय याम्योत्तर के बीच बने कोण को द्विकपात कोण कहते हैं 


3. नति कोण या नमन कोण से आप क्या समझते हैं
उत्तर - पृथ्वी के क्षैतिज तीव्रता और ऊर्ध्वाधर तीव्रता का जो परिणामी तीव्रता होता है उस परिणामी तीव्रता का क्षैतिज तीव्रता के साथ बनने वाले कोण को हम लोग नमन कोण कहते हैं 


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