अगर आप भी इस बार Bihar board 11th Annual Examination 2023 में शामिल होने वाले हैं तो इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ें , इसमें हम आपको 11th Physics Exam 2023 के लिए सभी सब्जेक्टिव क्वेश्चन बताने वाले हैं , Class 11th Physics Subjective Question Answer 2023 Bihar board,
This Post include
- Bihar board 11th annual examination 2023 Physics Subjective Question
- 11th exam 2023 Physics Subjective Question
1. डॉप्लर प्रभाव क्या है ?
What is Doppler effect?
उत्तर - जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृति से कम या अधिक होती है। इसी घटना को डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) कहा जाता है ।
What is Doppler effect?
उत्तर - जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृति से कम या अधिक होती है। इसी घटना को डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) कहा जाता है ।
2. रेखीय संवेग संरक्षण सिद्धांत क्या है?
What is conservation of linear momentum?
उत्तर- यदि किसी निकाय या System पर कोई बाह्य बल कार्य ना करें, तो निकाय का रेखीय संवेग नियत रहता है। यह रेखीय संवेग संरक्षण का नियम कहलाता हैं। अर्थात् “यदि एक कण पर बाह्य बल कार्य ना करें, तो उसका रेखीय संवेग नियत या संरक्षित रहता हैं। इसी को संवेग का संरक्षण सिद्धांत कहा जाता है।
3. जड़त्व आघूर्ण क्या है?
What is moment of inertia?
उत्तर- जब कोई पिण्ड किसी अक्ष के परितः घूर्णन करता है, तो उसमें अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करने की प्रवृत्ति होती है। पिण्ड का यह गुण जिसके कारण वह किसी अक्ष के परितः घूर्णन में किए जाने वाले परिवर्तन का विरोध करता है, तो पिण्ड का घूर्णन-अक्ष के परितः “जड़त्व-आघूर्ण” (Moment of Inertia in Hindi) कहलाता है। इसे I से प्रदर्शित करते हैं।
अर्थात् दूसरे शब्दों में, जड़त्व आघूर्ण, घूर्णन करती वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी घूर्णन अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है ।
“किसी पिण्ड का किसी घूर्णन अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण, उस पिण्ड के प्रत्येक कण के द्रव्यमान तथा उसकी घूर्णन अक्ष से लम्बवत् दूरी के वर्ग के गुणनफलों के योग के बराबर होता है।”
4. अपकेंद्र बल क्या है ? उदाहरण सहित समझावें।
What is contrifugal force? explain with example.
उत्तर- किसी गोलाकार पथ पर तीव्रता से गति करने वाली वस्तुर पर केंद्र से बाहर की ओर लगने वाला बल अपकेन्द्रीय बल कहलाता है, इसे 1659 में क्रिस्टियान हायगन्स द्वारा परिभाषित किया गया था।
अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal force) के उदाहरण
• मौत के कुंए में बाइक सवार पर कुंऐ की दीवारों द्वारा अभिकेंद्रीय बल लगाया जाता है जबकि सवार द्वारा बाहर की ओर अपकेंद्रीय बल लगाया जाता है। जो इन दोनों (बाइक और सवार) को बचाता है।
• दूध की डेरी (Dairy) पर भी इस सिद्धांत का प्रयोग कर दूध से मलाई को अलग किया जाता है। मलाई का घनत्व कम होने के कारण उसपर कम अपकेन्द्रिय बल लगता है और वहीँ दूध पर यह अधिक लगता है। इसलिए दूध नीचे और मलाई ऊपर इकट्ठी हो जाती है।
• गोल झूले में झूल रहे लोग अपकेन्द्रीय बल के कारण बाहर की ओर जाते हैं।
• कार रेस में दौड़ रही कार जब तीव्रता से मोड़ पर मुड़ती है तो ड्राइवर को ऐसा प्रतीत होता है कि वह दरवाजे से बाहर गिर जाऐगा
5. कोशिकाकर्षण क्या है?
What is capillarity.
उत्तर- केशनली में द्रव के ऊपर चढ़ने तथा नीचे उतरने की घटना को केशिकात्व (capillarity ) कहते
हैं। केशिकात्व का कारण पृष्ठ तनाव है।
6. विद्युत चुंबकीय तरंग क्या है ?
उत्तर- वैसे तरंग जिन्हें संचरित होने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है उन्हें विद्युत चुम्बकीय तरंग कहते है अर्थात विद्युत चुंबकीय तरंगें निर्वात में भी संचरित हो जाती है। चूँकि इन तरंगों को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए अन्तरिक्ष में संचार के लिए अर्थात वार्ता के लिए इन्ही तरंगों का उपयोग किया जाता है।
विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकाश के वेग से गति करती है, तथा ये तरंग फोटोन से मिलकर बनी होती है।
7. गुरुत्वीय एवं जड़त्वीय द्रव्यमान को समझावें ।
उत्तर- गुरुत्वीय एवं जड़त्वीय द्रव्यमान को हम निम्नलिखित रुप से परिभाषित कर सकते हैं
जड़त्वीय द्रव्यमान
1). यह किसी वस्तु के जड़त्व की माप है।
2). जड़त्वीय द्रव्यमान का निर्धारण गति के द्वितीय नियम से किया जाता है। F=ma (m=F/a)
3). इसकी माप जड़त्वीय तुला से की जाती है।
4). जड़त्वीय द्रव्यमान की माप आसान नहीं होती।
गुरुत्वीय द्रव्यमान
1). यह किसी वस्तु पर पृथ्वी द्वारा आरोपित गुरुवीय बल की माप है ।
2) गुरुत्वीय द्रव्यमान का निर्धारण न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम से किया जाता है।
3.) उसकी माप स्प्रिंग तुला से की जाती है
4) गुरुत्वीय द्रव्यमान की माप आसान होती है।
8. ऊष्मा एवं ताप में अंतर को समझाएं।
उत्तर- ऊष्मा तथा ताप में निम्नलिखित अंतर है
- ऊष्मा - 1. ऊष्मा एक प्रकार का उर्जा है जो किसी। वस्तु में तापांतर के द्वारा स्थानानंतरित होता है
3. दो वस्तुओं का ताप समान होने पर भी उनमें ऊष्मा की मात्रा भिन्न-भिन्न हो सकती है
4. किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उसके द्रव्यमान , ताप तथा प्रकृति पर निर्भर करता है
- ताप :- 1. यह किसी वस्तु में ऊष्मा की माप होती है ।
3. दो वस्तुओं में ऊष्मा का मान समान होने पर ताप का मान भिन्न-भिन्न हो सकता है ।
4. किसी वस्तु का ताप उसमें निहित ऊष्मा की मात्रा पर निर्भर करता है ।
5. ऊष्मा द्वारा कार्य करने की क्षमता होती है जबकि ताप में कार्य करने की क्षमता नहीं होती है अर्थात उष्मा को कार्य में रूपांतरित किया जा सकता है लेकिन ताप को नहीं ।
9. ऊंचाई के साथ g किस प्रकार बदलता है?
उत्तर- ऊंचाई के साथ g का मान निम्न तरीके से बदलता है गुरुत्वाजनित त्वरण अर्थात g का मान पृथ्वी के केंद्र से दूरी के अनुसार घटता बढ़ता है, अर्थात इस दूरी के बढ़ने पर यह घटता है और दूरी घटने पर बढ़ता है। इसलिए समुद्रतल पर इसका मान अधिक तथा पहाड़ों पर कम होता है। इसी प्रकार भूमध्य रेखा पर इसका मान ध्रुवों की अपेक्षा कम होता है, क्योंकि पृथ्वी ध्रुवों पर कुछ चिपटी है जिसके कारण पृथ्वी के केंद्र से ध्रुवों की दूरी भूमध्यरेखा की अपेक्षा कम है।
10. न्यूटन के शीतलन नियम को लिखे।
उत्तर- न्यूटन का शीतलन का नियम (Newton's law of cooling) के अनुसार, किसी पिण्ड के ऊष्मा ह्रास की दर उस पिण्ड के ताप तथा उसके चारो ओर के माध्यम के ताप के अन्तर के अनुक्रमानुपाती होता है।
चूंकि हम जानते हैं कि ऊष्मा किसी वस्तु में उच्च ताप से निम्न ताप की ओर चलती है। अतः वस्तु जैसे-जैसे ठंडी होने लगती है तो उसकी ऊष्मा हानि की दर के मान में भी कमी आ जाती है। यदि किसी पिंड का ताप वातावरण के ताप से अधिक होता है तो ऊष्मीय ऊर्जा का वातावरण में उत्सर्जन होने लगता है। जिस कारण पिंड का ताप कम हो जाता है।
11. बरनौली का प्रमेय क्या है ?
उत्तर- महान गणितज्ञ डैनियल बर्नौली ने 1738 में सबसे पहले इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया था। इस प्रमेय में बताया कि जब कोई असंपीड्य तथा अश्यान द्रव अथवा गैस धारा रेखीय प्रवाह में बहता है तो इसके मार्ग के प्रत्येक बिंदु पर इसके एकांक आयतन की कुल ऊर्जा अर्थात् दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग एक नियतांक होता है इसे बरनौली की प्रमेय (Bernoulli theorem in Hindi) कहते हैं।
Also Read More
0 टिप्पणियाँ